गौरैय्या -त्रिलोक सिंह ठकुरेला
गौरैय्या
घर में आई गौरैय्या ।झूम उठा छोटा भैया ।।
गौरैय्या भी झूम गयी ।
सारे घर में घूम गयी ।।
फिर मुंडेर पर जा बैठी ।
फिर आंगन में आ बैठी ।।
कितनी प्यारी वह सचमुच ।
खोज रही थी शायद कुछ ।।
गौरैय्या ने गीत सुनाया ।
भैया दाना लेकर आया ।।
दाना रखा कटोरे में ।
पानी रखा सकोरे में ।।
फुर्र उड़ी वह ले दाना ।
सबने मन में सुख माना ।।
-त्रिलोक सिंह ठकुरेला
Submitted by: त्रिलोक सिंह ठकुरेला
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Category: Poem
Acknowledgements: This is a famous person's work in the public domain.
Lip Kee (https://www.flickr.com/photos/lipkee/5469802698)
Language: हिन्दी/Hindi
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