चिड़िया -त्रिलोक सिंह ठकुरेला
चिड़िया
घर में आती जाती चिड़िया ।सबके मन को भाती चिड़िया ।।
तिनके लेकर नीड़ बनाती,
अपना घर परिवार सजाती,
दाने चुन चुन लाती चिड़िया ।
सबके मन को भाती चिड़िया ।।
सुबह सुबह जल्दी जग जाती,
मीठे स्वर में गाना गाती,
हर दिन सुख बरसाती चिड़िया ।
सबके मन को भाती चिड़िया ।।
कभी नहीं वह आलस करती,
मेहनत से वह कभी न डरती,
रोज काम पर जाती चिड़िया ।
सबके मन को भाती चिड़िया ।।
हँसना, गाना कभी न भूलो,
साहस हो तो नभ को छूलो,
सबको यह सिखलाती चिड़िया ।
सबके मन को भाती चिड़िया ।।
-त्रिलोक सिंह ठकुरेला
Submitted by: त्रिलोक सिंह ठकुरेला
Submitted on:
Category: Poem
Acknowledgements: This is a famous person's work in the public domain.
Lip Kee (https://www.flickr.com/photos/lipkee/5469802698)
Language: हिन्दी/Hindi
Search Tags: हिंदी बाल कविता
- Submit your work at A Billion Stories
- Read your published work at https://readit.abillionstories.com
- For permission to reproduce content from A Billion Stories in any form, write to editor@abillionstories.com
[category Poem, हिन्दी/Hindi, This is a famous person's work in the public domain.]
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
Keep comments respectful.